मेरी आप बीती........ मीना के संग सम्भोग का दूसरा अनुभव
जैसे जैसे मैं चुदाई करता रहा था वैसे वैसे मैं निरंकुश भी होता जा रहा था मस्तराम की किताबों से और नग्न फोटो वाली किताब को देख देख कर मैं उन सब को मीना मंजू और अंजू पे आजमा रहा था ये सब सिलसिलेवार मैं आपको बताऊंगा आप धैर्य रखो बस अपना लन्ड सहलाते रहो और अपनी चूत में ऊँगली करते रहो
पर इन सब से पहले मैंने मीना को उसकी के घर पे चोदा जो अप्रत्याशित था दोनों के लिए
चुदाई मेरे पे हावी थी की मैं पढाई करना ही भूल गया और 12वी क्लास में फेल हो गया
शायद अगर मै उस रास्ते पर नहीं गया होता तो मैं कुछ और होता किसी तरह मैं 12वी पास करके इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री ले के में नौकरी पे आ गया पर जिंदगी में उतना सफल नहीं रहा जितना होना चाइये था, पर दिमाग था महत्वाकांछा थी चतुराई थी बस पढाई ठीक से नहीं की थी इस बात का मैं आज अफ़सोस करता हूँ पर आज भी 50 साल की उम्र में भी लड़कियों का आना बंद नहीं हुआ है आज भी मैं काफी महिलाओ, लड़कियां और भाभी के साथ सम्भोग में लिप्त हूँ
मेरी जीवन शैली की आपबीती काफी लम्बी है कोशिश करूँगा की आप बोर न हो
आज जब ये सब लिख रहा हूँ तो मीना और मंजू इस दुनिया में नहीं है मेरे मुंबई आने के बाद से मैं प्रयागराज से कट सा गया तो उन सब की शादी के बाद मेरा कोई संपर्क भी नहीं रहा पर उन तीनो की खबर भी मिलती रही
मैंने हर प्रदेश की लड़की चोदी वियतनाम की, फिलीपीन्स की, नेपाली, वाइट गर्ल हर तरह की लड़की को मैंने चोदा पर मीना अंजू और मंजू जैसी कोई नहीं मिली वैसे बात करे तो बंगाली लड़की सब से अच्छी लगी क्युकी उनकी स्किन में एक अलग नशा होता है उसके बाद पंजाबी लड़की और फिर गुजराती
इस बीच मुझे मीता से प्यार हो गया उस समय एक इण्टर कॉलेज कॉम्पिटीशन में मेरा गवर्नमेंट इण्टर कॉलेज और मीता का स्कूल क्रॉसवेथ को झाँसी में जाना था मैं और मीता दोनों ही उसमे जा रहे थे साथ में वीनम थी दोनों ही पढ़कू किस्म की लड़की थी पर मेरी आंख मीता पर थी मुझे हर हाल में उसको अपने प्यार के बारे में बताना था पर वो जब सामने होती तो मेरी बोलती बंद हो जाती गांड फट जाती मैं कुछ बोल नहीं पता तब मीता मेरी हालत पे मुस्कुरा देती वीनम मुझे हौसला देती पर मैं कभी कह नहीं पाया उस ट्रिप पे भी मौका था समय था एकांत भी था पर कह नहीं पाया मेरे दिल में उससे शादी की खवाइश थी जो पूरी नहीं हुई आज भी मैं उसको ढूंढता हूँ फेस बुक पे पर वो कही नहीं मिली वीनम से भी उसका कोई संपर्क नहीं था ये मेरा पहला और आखरी असफल प्रेम था उस उम्र में हर नौजवान और नवयुवती को विपरीत लीग के प्रति आकर्षण जरूर होता है और 80 के दशक में तो प्यार इज़हार करने का एक ही तरीका था वो है लव लेटर या फिर उसकी सहेली के माध्यम से अपनी बात कहना, घूमना फिरना किसी रेस्त्रां में जाना मूवीज वो भी एक साथ तो एक सपने जैसा होता था हाँ ग्रुप में हो तो शायद हो सकता था ज्यादातर स्कूल को-एजुकेशन के नहीं थे कोचिंग क्लास एक माध्यम था या फिर स्कूल की छुट्टी में कभी बात बन सकती थी
एक शाम मीना ने बताया की कल उसकी मम्मी एक दिन के लिए दो बहिनो के साथ अपने घर मिर्ज़ापुर जा रही है कुछ काम से मीना इसलिए नहीं जा सकती थी क्युकी उसे घर, पापा और प्रिंटिंग प्रेस की देखभाल करनी थी मुझे समझ में ही नहीं आया की ये चुदाई का मौका है जबकि मीना समझ गई थी शायद इसे आप मेरी मासूमियत या बेवकूफी कह सकते है
खैर, अगले दिन जब मैं मीना के घर गया तो वो नीचे प्रेस में थी पापा किसी काम से बाहर गए थे सो मीना बोली की तुम ऊपर चलो मैं आती हूँ थोड़ी देर में मीना आई और मुझे बाँहों में भर लिया और मेरे होंठ को चूसने लगी मैंने भी उसका साथ दिया मेरे हाथ खुद बखुद उसकी चूची पर चले गए मीना मेरा हाथ पकड़ अपने कमरे में ले गई और खुद बाहर जा के दरवाज़ा बंद कर आई
आते ही वो मेरी शर्ट उतरने लगी और फिर मेरे निप्पल को चूसने लगी उफ्फ्फ्फ़ एक बारगी तो करेंट्स दौड़ गया मेरे जिस्म में, साला लन्ड तो उछल सा गया मैंने भी उसका सर अपने निप्पल पे दबा दिया साथ ही मेरे हाथ उसकी गांड को दबाने दबाने लगा
मीना को मेरे ज्यादा जल्दी थी उसने मेरे कपडे तेजी से उतारे और मेरे लन्ड को पकड़ कर सहलाने लगी मैंने भी उसके कपडे उतारे एक बात जो मैंने तुरंत समझी वो ये थी मीना की चूत पे आज एक भी बाल नहीं था बिलकुल सफ़ेद, चूत लिप्स थोड़े से बाहर दिन का हल्का उजाला था कमरे में पर्याप्त रौशनी थी सो मैं उसके जिस्म को अच्छे से देख प् रहा था जहाँ मेरे जिस्म बाल थे वही मीना का बदन चिकना था उन्नत चूची चूची के बीचों बीच एक कथई रंग का बड़ा सा गोल सर्किल और उसके बीच तने हुए निप्पल, पतली कमर, चूतड़ में भरपूर मांस, कजरारी आंखे और लाल सुर्ख होंठ मंजू के मुकाबले मीना ज्यादा जवान थी उसका बदन भरा हुआ था मैंने भी उसको पकड़ के उसकी चूची में मुँह दे दिया गर्म तो मैं था ही वैसे भी चिकनी चूत देख कर लन्ड भी कुलांचे मर रहा था मीना को गोद में उठा कर बिस्तर पे लिटा दिया और खुद उसके ऊपर आ के उसकी चूची में मुँह लगा कर उसे चूसने लगा
आह्हः आशु अह्ह्ह्हह उफ्फफ्फ्फ़ धीरे रे रे रे रे रे
मेरा दूसरा हाथ उसकी चूत को सहलाने लगा मीना भी दोतरफा वॉर नहीं झेल पा रही थी चूत बिलकुल गीली थी उसे मैंने चूची चूसने के साथ फिंगर फ़क करना शुरू कर दिया
आह्हह्ह… ओह्ह्ह आऊचच्च्च… खा जा… आह्ह्ह मैं मर गयी ईईईइ… आःह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ़… तू तो बहुत मस्त है रे…
आआ आआअहहह… एम्म्म…एम्म्म… और जोर से चूसो… याआआआ… मैं भूखे बच्चे की तरह उसके चूचियाँ चूसने लगा।
आशु, बड़ा अच्छा आआअहहह लग रहा है… आआह…ईईईई”
हाययय आऊऊच्…… उइ मां… आहाह्ह…। श्श्श्ष्ह्ह्ह्…वाऊउ… हाय्य्य्य…श्श्श्श्शह्ह्ह्ह्ह्…
एक ऊँगली जो चूत के रस में डूबी थी मेरी सटासट अंदर बाहर हो रही थी तभी मैं उसकी चूत में अपनी दो ऊँगली डाल दी
मीना चीख सी पड़ी
उइ मां मर गयी ईईईइ पर कुछ ही पल में उसकी चीख सिसकारी में बदल गई
आआईई म्म्माआआआआअ मरर गैईईईईईईईई…’आशु, धीरे से करो आआआऐईईईईईइ… न बहुत दर्द होता है पर अच्छा लग रहा है चूची चुसवाने के साथ चूत में ऊँगली मीना ज्यादा नहीं झेल पाई और उसके चूतड़ उछली पीठ हवा में थे और आआआआअ गैईईईईईईईई आआआआअ कहते हुए वो एकदम से शांत पड गई हर बार की तरह मेरा पूरा हाथ हथेली सब चूत के रस से भीग गई मीना ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मेरे होठ चूसने लगी मेरा लन्ड उसकी चूत पे रगड़ खा रहा था मीना ने आंख खोली और मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई
और फिर मेरे ऊपर आ कर अपनी भरी भरी चूचिया मेरे सीने से रगड़ने लगी
दूसरे लण्ड को चूत के दरार में सेट कर लिया मुझे मज़ा आ रहा था ।
मीना चूत को लण्ड से रगड़ रही थी मैं भी अपनी गांड उचका रहा था इन्ही सब में मेरा लण्ड अचानक उसकी चूत में चला गया मीना तो चिहुंक सी गई उसी समय मेरी गांड भी उछल गई तो आधा लण्ड चूत में चला गया मीना एक बरगी उछल सी गई और मुँह से चीख सी निकल गई आआआऐईईईईईइ… न बहुत दर्द होता है और फिर एकबारगी सीधी हो के बैठ गई अब मेरा लण्ड उसकी कसी चूत में फसा था और मीना लम्बी लम्बी सांसे ले रही थी मुझै याद है मैंने नीचे से अपनी गांड उछालने लगा ऐसे करने से लण्ड चूत से भर आता फिर तेज़ी से अंदर चला जाता मेरे पैर, जांघ और लण्ड के आसपास काफी लिसलिसा सा गीला गीला सा हो गया
हम दोनों अब तक इतना तो समझ ही गए थे की ऐसे भी लण्ड चूत में डाल कर भी चुदाई कर सकते है ये एक नया अनुभव था थोड़ी देर तक वैसे ही लण्ड और चूत का मिलन होता रहा
अब मीना भी अपने चूतड़ उछाल कर उछलने लगे और नीचे से मैं भी अपनी गांड उछाल रहा था मीना के चूतड़ जब मेरी जांघ से टकराते तो फट फ़ट फट पट पट पट पट के आवाज़ आने लगी मीना की चूचिया उछल रही थी बाल बिखरे थे उफ्फ्फ आप इमैजिन करो लन्ड के ऊपर उछलती कमसिन काया की और भरपूर चूची वाली लड़की कैसी लग रही होगी
आआआऐईईईईइ म्मम्मा गईईईईईईईस्सस्सस…’आऐईईईइ आआऐईईईईईइ आह्हः अहह उफ्फ्फफ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फ़
मेरा लन्ड चूत के भीतर अंदर तक जा के उसकी बच्चेदानी तक जा रहा था " उस समय तो पता नहीं था कालांतर बाद में पता चला" चुदाई के बाद मीना ने भी बताया की लन्ड अंदर जा के ऐसा लग रहा था की मुँह से निकल आयेगा
मीना थोड़ी देर में में ही हाफने लगी तो मैंने उसको नीचे ले लिया और एक झटके में लन्ड उसकी चूत में उतार दिया मीना तो आनंद के साथ चीख पड़ी
आऐईईईइ आआऐ ईईईईईइ माआआअ मार्रर्र्र ग आआआईईईईईई उफ्फ्फ्फ़ ईइ…आआईईईईईईईईइ ऊऊऊऊईईईम्म्म्माआआअ माआआआअ
अह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह उई उई उई आह जोर से से से से आ आ आ शु शु शु
उफ्फ्फ्फ़ अच्छा छा छा छा छा लग रहा है तेज़ करो ना हाँ हाँ हाँ हाँ
ईईईईईइ उफ्फ्फ्फ़ … आआह… आआ… आआऐईईईइ आआअह्ह ह्हह…ऊऊह्ह्ह्हूऊऊऊऊ
मीना की चीख तेज होती गई वो- ओह… हाँ… और तेज़ मुझे और तेज़ और तेज़ करो ना … पर… मा… आ....म…...मैं.....हा हाँ अ आ करो हाँ और करो आह…....आ …जल्दी जल्दी अहहह… उफ्फ़… आह आह आह…
फचा...फच फच फचा फच फचा फच फचा फच फचा फच पूरा लन्ड सटासट चूत के अंदर बाहर हो रहा था
फचा फच फच फचा फच पट पट पट पट की आवाज़ मेरे अंदर ऊर्जा भर देती
मेरा लहू भी एक जगह एकत्र होने लगा मुझे भी समझ में आ गया की मेरा रस निकलने वाला था मैंने लन्ड चूत से निकल कर लन्ड हिलाने लगा और सारा सफ़ेद सफ़ेद गाढ़ा रस मीना के पेट पे गिरा दिया कुछ रस उछल के मीना के होंठ और और चेहरे पे भी जा गिरा
जैसा की हर बार होता था की मेरे जिस्म में जान ही नहीं बची थी मैं वैसे ही मीना के ऊपर गिर गया मीना भी बाँहों में भर कर मेरे बाल को सहलाती रही थोड़ी देर मैं जब मीना के जिस्म से उठा तो देखा की चादर पे ढेर सारा गीला गीला धब्बा था मीना की चूत पे भी सफ़ेद सा लिसलिसा सा लगा था
चूचियों पे ढेर सारे लाल लाल स्पॉट थे मतलब लव बाईट थे
मीना ने उठ के टॉवल से अपना जिस्म साफ़ किया साथ ही साथ मेरी लन्ड भी पोछ दिया
फिर हम दोनों कपड़ा पहन के बैठ गए मीना दूध ले के आ गई और बोली तुम रुको मैं नीचे से आती हूँ
करीब 15 मिनट के बाद वो ऊपर आई बोली पापा लेबर के साथ डिलीवरी देने गए है करीब एक घंटे में आएंगे
और इस एक घंटे में हम दोनों ने एक बार और धुआंधार चुदाई की फिर मैं घर आ गया
मेरे और मीना के बीच अब एक अलग सा रिश्ता हो गया था जब मौका मिलता हम चूमा चाटी, चूची दबाना, लन्ड सहलवाना या चुदाई कर लेते
इन सब के बीच मंजू और अंजू के साथ भी मेरा कुछ ऐसा ही चल रहा था फिर एक दिन मैंने बोला मंजू को की मुझे अपना लन्ड तुम्हारी चूत में डालना है
एक बात और मंजू में एक और खासियत थी की वो लन्ड चूत चुदाई जैसे शब्दों का प्रयोग खुल के कर लेती है वो मेरे साथ बातों में इस तरह के शब्दों को बोला करती थी जबकि मीना काफी सोफेस्टिकेटेड लड़की थी उसको ये सारे शब्द पता था पर वो नाम नहीं लेती थी वो सांकेतिक भाषा में या अंग्रेजी में नाम लेती थी मीना वैसे भी कान्वेंट से पढाई की थी उसकी इंग्लिश काफी अच्छी थी जबकि मंजू और उसकी बहन सरकारी स्कूल में पढ़ते थे
इसी बीच मुझे एक ऐसी चित्र वाली किताब हाथ लगी जिसमे एक अँगरेज़ लड़की चूचिओं के बीच लन्ड को फॅसा के रखी थी ऐसे ही फोटो में लन्ड को चुम रही थी वही लड़की फिर बाद में लन्ड पूरा उसके मुँह के अंदर था
ये सारी फोटो मैंने मीना और मंजू को भी दिखाई जहाँ मीना ने इसे गन्दा बताया वही मंजू ने बहुत उत्साह के साथ मज़े ले के देखा
आशु -- मंजू हम लोग भी ऐसा करे
मंजू -- हाँ एक बार करके देखेंगे
मंजू के साथ चुदाई का मौका नहीं लग रहा था बस ऊपर ऊपर से मज़ा ले रहे थे और रात को लन्ड हिलाता रस निकल देता
आईने एक बार मीना को बोला की ''मुझे मंजू के साथ चुदाई करनी है कुछ मदद करो ना''
मीना -- अच्छा बता क्या करू मैं तेरे लिए
आशु -- कुछ एकांत दिलवाओ ना
मीना -- अच्छा देखती हूँ
मंजू को भी मेरे साथ मस्तराम की कहानी पढ़ने और सम्भोग की पिक्स देखने का शौक लग चूका था मीना को इन सब में मज़ा नहीं आता था फिर एक दिन मेरे को इंग्लिश की मस्तराम मिली जिसको मैंने मीना को दिया इसमें मीना को मज़ा आया किताब में चूत चुदाई, गांड मारना, लन्ड चूसना चूत चूसना भी था जो हम दोनों के लिए नया था
दिन ऐसे ही निकल रहे थे इस बीच मीना की शादी की भी बात चीत चल रही थी मंजू और अंजू एक साथ चूमा चाटी भी चल रही थी जहाँ मंजू चुदने के लिए बेक़रार थी वही अंजू को इन सब का शायद पता नहीं था नाहीं ही मैं उसके साथ ज्यादा कुछ करता मेरा मन तो मंजू को चोदने का था
मेरी मदद के लिए मीना ने मंजू को अपने साथ रखना शुरू कर दिया जिससे मुझे और मंजू को ज्यादा मौके मिलने लगे मीना के साथ चुदाई ने मुझे काफी परिपक्व बना दिया था मेरी मासूमियत थोड़ी ख़तम सी हो गई थी
मेरे को इस बात का डर रहता था की ये सब किसी को पता न चल जाए मीना के घर वो मंजू के साथ हमको छोड़ कर बाहर चली जाती थी शुरू शुरू में में मंजू डरती थी फिर जब मैंने उसे समझाया की मैंने ही मीना से याचना की है की मुझे तुमसे मिलाने में मदद करे तो उसका भी डर कुछ काम हुआ पर ऊपर ऊपर से हम दोनों की मज़ा नहीं आ रहा था
हम दोनों ही चुदाई के लिए तड़प रहे थे ऐसे में मीना का घर फिर काम आया मीना की मौसी की शादी थी सो मीना को और उसके पापा छोड़ कर
पूरा परिवार शादी से करीब ३ दिन पहले चले गए प्रेस और पापा के खाने की वजह से मीना रुक गई ये सब बात मुझे पता थी क्युकी हमारी भी उसके परिवार से रिश्तेदारी थी इस बार मैं जनता था की ये मौका है मीना और मंजू को चोदने का, मेरा मन मंजू जो चोदने का ज्यादा था
खैर उस दिन कॉलेज न जा के मैं घर पे ही रुक गया करीब ११ बजे मीना के प्रेस में काम करने वाला आया और बोला की मुझे बुला रही है कुछ सामान मांगना है, मैं भी इंतेज़ार में बैठा था सीधा मैं चला गया फिर हम दोनों ने करीब एक घंटे तक धुआंदार चुदाई की मीना भी मेरी चुदाई से खुश थी सो मैंने मंजू के साथ के लिए बोल दिया
मीना -- आशु वो अभी तेरा सह नहीं पायेगी वो छोटी है और तेरा काफी बड़ा है
आशु -- अपने भी तो सह लिया था ना आपको तो कुछ नहीं हुआ
मीना -- अरे मैं उससे बड़ी हु काफी तेरा लेने के लिए मेरी जान निकल गई थी, उस दिन कितना दर्द हुआ था तेरे को पता है ना चीख निकलवा दी थी तूने मेरी, उसकी तो बहुत छोटी सी होगी ऊपर ऊपर से मजा ले कहीं लेने के देने ना पड़ जाये
आशु -- प्लीज मदद करो ना अगर वो नहीं ले पायेगी तो मैं नहीं करूँगा कोशिश तो करने दो ना एक बार, वादा मैं जबरदस्ती नहीं करूँगा
मीना मेरे बार बार कहने पे मान गई
मीना -- अच्छा ठीक है कह कर
मीना के पापा लंच के बाद कई सरकारी ऑफिस में जाते थे काम के सिलसिले में और करीब देर शाम लौटते थे सो करीब 2 से 7 का टाइम हम दोनों के लिए बहुत अच्छा था
मीना की चुदाई करके मैं घर पंहुचा तो थोड़ा सो गया फिर उठा तो देखा मीना माँ के साथ बैठी है तो माँ बोली मीना के घर चला जा वो अकेली है और प्रेस में काम बहुत है उसकी मदद कर दे
यहाँ फिर याद दिला दूँ की यदि लड़की, स्त्री यदि चाहे तो आपको हज़ार मौके देगी की आओ मुझे चोद दो वरना आप लाख कोशिश कर लो आप उसको उसकी सहमति के बिना उसे चोद नहीं पाओगे जब तक वो न चाहे
हम मर्दों की भगवान ने भी एक खूबी दे रखी है और वो है उसके इशारो को समझना ही लड़कियों को समझने की उनके इशारों को समझने कीहर लड़की आपको इशारे देगी की वो आपको पसंद करती है
कभी आपको पॉजिटिव इशारा देगी साथ ही साथ आपको निगेटिव इशारा भी देगी क्युकी वो कभी नहीं चाहती की आप उसको पहल करता हुआ देखे कोई भी लड़की के लिए वो सबसे ख़राब स्थिति होती है की आप उसको चरित्रहीन समझे या उसके पहल पे आप उसको बारे कुछ गलत अनुमान लगाए
आपको करना यही की पॉजिटिव इशारों के बारे में सोचे और निगेटिव इशारो को इग्नोर करे वो आपको बार बार कुछ ऐसा करके मौका देगी की आप पहल करे और यदि आप पहल कर गए तो आप उसका प्यार उसका जिस्म सब कुछ पा सकते है वरना आप हाथ मलते रह जाओगे इसमें कोई शक नहीं की लड़की हम लड़को से ज्यादा सयम और तेज़ दिमाग रखती है वो आपको कुछ ऐसे मौके उपलब्ध करा देगी की आप उसको चुम सके उसके बदन को सहला सके उसको प्यार से बाँहों में भर कर उसको मैं तुमसे प्यार करता हूँ कह सके ये एक ऐसा विषय है की पूरी एक किताब लिखी जा सकती है
1. आप में धैर्य होना चाहिए उतावलापन लड़की को अच्छा नहीं लगता पर दूसरी मुलाकात में आपको ये अवश्य दर्शा देना चाहिए की आप उसकी कदर करते है
2. आपको उसके साथ बात करते समय लड़की को बोलने का ज्यादा मौका देना चाहिए और ऐसा दर्शाना चाहिए की आप उसकी बात को ध्यान से सुन रहे है और उसमे आप को बहुत आनंद आ रहा है उसको कभी ये नहीं लगना चाहिए की आप उसकी बातों पे ध्यान नहीं दे रहे है या उसकी बातों को काट कर अपनी बात कह रहे है
3. आप कभी भी उसके भविष्य का प्लान इत्यादि ऐसी बाते ना करे नहीं अपनी राम कहानी सुनाने बैठ जाए क्युकी लड़की को आप में उत्सुकता है आप कैसे दिखते है कितना पैसे वाले है या भविष्य में क्या करेंगे उन सब में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं होती अपने कई बार देखा होगा किसी खूबसूरत लड़की का बॉयफ्रेंड उसके मुकाबले बिलकुल सी खूबसूरत नहीं होता मतलब की हुर के गले में लंगूर वाली कहावत से समझ ले
ऐसे कई पॉइंट है की आपको महसूस होगा की लड़की आप को मौके दे रही है की आप पहल करो आओ मुझे बाँहों में भर के जी भर के प्यार करो मेरे जिस्म से खेलो मेरे तन को रगड़ रगड़ के चोदो पर हम लड़के इस में ही खुश होते है शेखी बघारते है की फलां लड़की को मैंने पटा लिया पर इन सब में हम लड़के भूल जाते है की उस लड़की ने आपको कितने मौके दिए की आप उसको पटा सको
तो दोस्तों अगर आप के मन भी कोई शंका है तो आप हमको ईमेल से पूछ सकते है या बात कर सकते है
मेरी आप बीती -- मंजू की पहली चुदाई
जब मैं मीना के घर पंहुचा तो मीना अपने कमरे में थी और वो सलवार सूट में थी वो भी उसके जिस्म में बिलकुल फिट उसकी चूचिया उभर के दिख रही थी मस्त जाँघे सलवार में चमक रही थी मैंने मीना को बाँहों में भर लियाऔर उसके रसीले होंठ को चूमने लगा मीना भी साथ देने लगी पर मीना ने बीच में ही रोक दिया और बोला मंजू आती होगी
मैं नीचे जा रही हूँ काफी काम है तुम यही बैठो और हाँ जो भी करना आराम से करना अगर वो तुम्हारा अंदर न ले पाए तो बरदस्ती मत डालना और उस अलमीरा में निरोध रखा है लगा लेना बगैर उसके मत करना ऐसा समझा के वो नीचे जाने लगी तो
मैंने उसको बाँहों में भर के फिर से चूमने लगा मीना का मन भी चुदने का था फिर भी वो बोली मुझे जाने दो
पर मैं नहीं माना उसकी सलवार का नारा खोला और उसको वही बिस्तर में लिटा के उसकी पैंटी भी उतार दी और उसकी चूत में दो ऊँगली घुसा दी मीना चिहुंक सी गई आह्हह्ह… ओह्ह्ह आऊचच्च्च… मीना की चूत भी लगातार रस छोड़ रही थी और मेरा लन्ड भी पूरा सॉलिड तना हुआ था मैंने उसकी अलमारी से निरोध निकला और लन्ड पे चढ़ा के उसकी चूत में एक बार में ही उतार दिया
मीना -- आआअहहह रहा है… आआह…ईईई ओह्ह्ह आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह कह कर
उसने अपने पैरों को फैला दिया और मैं दनादन धक्के लगाने लगा ओए अह्ह्ह आह्ह्ह्हआह्ह
मैंने भी ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी मीना भी मेरा साथ चूतड़ उछाल कर देने लगी
चूत का पानी से लन्ड सटासट अंदर बाहर होने लगा फचा फच फचा फच फचा फच फचा फच फचा फच फचा फच की आवाज़ गूंजने लगी
मेरी जांघ जब मीना की गांड से टकराती तो पट पट पट पट पट पट पट पट पट की जोर से आवाज़ आती
आह्हह्ह… ओह्ह्ह आऊचच्च्च…आशु तू बहुत अच्छा है … आह्ह्ह मैं मर गयी ईईईइ… आःह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ़… तू तो बहुत मस्त है रे…ओह्ह्ह आह्हह्ह
दोनों ही कुछ ज्यादा ही उत्तेजित थे कोई दस मिनट्स की ताबड़तोड़ चुदाई में दोनों का रस निकल गया जैसे ही मैं उठा मीना तेज़ी से उठ कर अपने कपडे के साथ बाथरूम में घुस गई कुछ मिनट् में बाहर आई तो उसने मुझे बोली मज़ा आ गया और फिर मेरे को चुम कर नीचे चली गई में वही बैठ कर टीवी देखने लगा
लड़कियां और सेक्स मेरी जिंदगी के हिस्सा बनते जा रहे थे और पढाई पीछे छूट रही थी इतने दिनों के सेक्स का खेल और किताबी ज्ञान एवं संजय के दिए ज्ञान से मैं काम कला में माहिर होता जा रहा था मीना और हम कई बार चुदाई का खेल खेल चुके थे और हर बार एक नया अनुभव हम दोनों को मिलता और आज मैं उन सारे ज्ञान का उपयोग मंजू पे करने वाला था
तभी मीना और मंजू दोनों ऊपर आ गई फिर मीना ने किचन से एक गिलास दूध ले के आई और बोली दोनों मिल के पी लेना कह कर मुस्कुराने लगी फिर वो बोली दोनों बहुत मेहनत करनी है दूध से ताकत आएगी
और हाँ मैं नीचे जा रही हूँ आशु मंजू को ज्यादा परेशान मत करना जो भी करना प्यार से करना आल दी बेस्ट कह कर मीना नीचे चलेगी जाते जाते अपना कमरे का दरवाज़ा भी उड़का गई
अब हम दोनों अकेले थे और मैंने देखा मंजू के गाल शर्म से लाल थे
मंजू -- मीना दी क्या कह रही थी आराम से करना
आशु -- अरे वो कह रही थी चुदाई प्यार से करना
मंजू -- धत
मीना को मैंने अपने ऊपर खीच कर उसके रस से भरे होंठ को चूसने लगा मंजू भी मेरे से लिपट गई और मेरे ऊपर के होंठ पे किस करने लगी, मेरे हाथ उसकी छोटी पर भरपूर चूची को दबाने लगे
आह्ह आआ ऊओऊऊच ऊउईइम्म्मां
मंजू धीरे धीरे गर्म होने लगी मंजू ने स्कर्ट और एक ब्लाउज सा पहना था मैंने ब्लाउज के बटन खोलने शुरू कर दिए
आह।। आह आह आआआऐईईईईइ म्मम्मा गईईईईईईईस्सस्सस
मीना का सफ़ेद ब्रा खोल के उतार दिया उफ़ उसकी छोटी सी चूची छोटे से निप्पल और सुर्ख गुलाबी ऐरोला मैंने भी उसको मुँह में भर लिया
अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह्हह उफ्फफ्फ्फ़ अह्ह्ह
धीरे से मैंने दांतों से निप्पल को काट रहा था
ईईईईइ आऊच च ची आह्हः धी धी रे रे रे आ आ शु
मीना के साथ का अनुभव मेरे काम आ रहा था एक हाथ मैंने उसकी स्कर्ट में डाल दिया और उसकी चिकनी जांघो को सहलाने लगा
अह्ह्ह्ह आशु अच्छा लगा रहा है करते रहो इफ़फ़फ़फ़फ़ उफ्फ्फफ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह प्यार से चुसो ना ना ना
मेरे हाथ उसकी चूत तक पहुंच रहे थे पर मैं उसकी चूत को छू नहीं रहा था मंजू भी अपनी गांड उठा देती जब मेरे हाथ चूत के आस पास होते
ओह्ह्ह्ह आशु ये क्या हो रहा है चींटी से दौड़ रही है बदन में, मेरे कपडे उतार दो ना
सुन कर मैंने मंजू से कहा की तुम खुद उतरो और उसको बिस्तर से उठा के खड़ा कर दिया
मंजू पहली बार मेरे सामने नंगी नहीं हो रही थी पर आज उसके गाल में शर्म की लालिमा सी थी, शायद मैंने पहले नोटिस नहीं किया था
मंजू ने अपनी स्कर्ट उतार दी आप पैरों को क्रॉस कर के चूत को छुपाने लगी और अपनी बाहें से चूची छुपा ली मंजू पैंटी में मस्त लग रही थी उस समय शायद इतनी डिज़ाइनर ब्रा पैंटी नहीं आती थी या ये कहो जो माँ ने खरीद के दे दी वो पहन ली
मंजू जिसने अभी 18 बसंत पुरे किए थे बड़ी बड़ी आँखे खिलता हुआ बदन लम्बी गर्दन कंधे तक बाल, सीने पे दो गोल तनी हुई चूचियां उसपे उभरे हुए पिंक निप्पल और निप्पल के साथ छोटा सा गुलाबी ऐरोला सपाट पेट पतली और चिकनी तंग भरी हुई जाँघे और पैरो के बीच में त्रिभुज और अनछुआ बदन पैंटी में छिपी और उभरी हुई बुर उफ्फ्फ्फ़ क़यामत सा नज़ारा पैंटी पे गीलापन
मंजू का जिस्म मीणा से कुछ अलग नहीं था पर दोनों में एक अंतर था की मीणा का बदन परिपक्व था और और मंजू कोमल सी थी जिसके जिस्म को सिर्फ आशु ने छुआ था और आज कामदेव ने दोनों को मौका दिया था की दोनों एक हो जाये
मैंने मंजू को अपने पास बुलाया तो मंजू सर नीचे करके धीरे धीरे मेरे पास आई मैंने उसको बाँहों में भर लिया उसकी छोटी पर भरपूर उभरी हुई चूची मेरे सीने में दब गई उफ्फफ्फ्फ़ क्या अहसास था नरम रुई के सामान पर कड़क चूचियां मक्खन सा चिकना बदन चिकनी पतली टांगे अपने उसकी चिकनी जाँघे जो अभी पूरा आकर नहीं ले पाई थी पर भरी हुई थी
मैंने अपनी हाथो से उसकी जांघो को सहलाया
अह्ह्ह्हह ह ह ह ह
मेरे हाथ पीछे गए पेंटी में लिपटे चूतड़ को हथेली में भर कर भींच लिया
उफ्फ्फ्फ़ ये कामुक अहसास
इसमें कोई शक नहीं की मंजू को आज जो मिलने वाला था वो दर्द भरा अहसास होगा, पर उस दर्द के बाद उसको आनंद सम्पूर्णता परिपक्वता स्त्री होने का सुख भी मिलने वाला था सम्भोग से मिलने वाला आनंद किसी भी आनंद से कहीं ज्यादा होता है
मैंने उसके चूतड़ को सहलाते हुए उसकी गांड को कुरेदना शुरू कर दिया उफ्फ्फ्फ़ आह्हः आहआ ह ह ह ह
चूत से पानी रिस कर गांड तक आ रहा था
जो मेरे हाथों को गिला कर रहा था मंजू की सिसकारियां थमने का नाम नहीं ले रही थी पैंटी कब उसके तन से अलग हो गई उसको खुद पता नहीं चला एक अक्षत यौवन मेरी आँखों के सामने नग्न था मेरा लन्ड पुरे शवाब था मैंने भी अपने कपडे उतार दिए और नग्न अवस्था में मंजू से लिपट गया मंजू के दोनों पैर मेरे कमर से लिपट गए उसकी बाहें मेरे बदन से लिपट गई लन्ड ने चूत पे दस्तक दी
एक मादक सुर की आवाज़ आई आ आ शु शु शु कुछ हो रहा है
चूत चाटना लन्ड चुसवाना गांड मरना ग्रुप सेक्स स्वैपिंग, क्या होता है, इस सब का उस समय पता ही नहीं था
तभी मैंने देखा की मीना दरवाज़े के ओट से हम दोनों को देख रही है हम दोनों की नज़र मिली तो तो वो मुस्करा दी और थम्स अप कर के चली गई मैंने मंजू की चूचिओं को चूसना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से उसकी दूसरी चूची की मसलने लगा
मंजू -- आ आ आ ह ह ह ह ओ ओ ओ ओ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ सी सी सी ओओओ ओ धीरे धीरे मत चुसो उह उह उह उह उह दर्द करता है धीरे
आह्ह आह्हः आह्ह आह्हः आह्ह आह्हः
उफ्फफ्फ्फ़ उफ्फफ्फ्फ़ हाँ हाँ हआ ओफ ओफ ओफ आ आ आ आ हह हह ह ह ह ह ह ह
मेरे चूची को चूसना निरंतर चालू था कभी एक चूची तो कभी दूसरी चूची, गोरी गोरी चूची में मेरे लव बाईट से लाल हो चुकी थी
मेरे हाथ उसकी चूत जिस पे रेशम से बाल थे उससे खेल रहे थे क्लूटोरियस को सहलाना मसलना
आह उफ्फ्फफ्फ्फ्न उफ्फफ्फ्फ़ आह्ह आह्हः ओ ओ ओ ओ आई ई ई ई ई आशु कुछ निकल रहा रहा है
चूत का पानी पूरी चादर को गिला कर दिया था
मेरी ऊँगली चूत के छेद को ढूंढ़ने लगी चूत का रस में भीगी ऊँगली को देर नहीं लगी चूत का द्वार ढूंढने में
स्टॉक से मेरी ऊँगली चूत के अंदर चली गई
आई ई ई ई ई मारो गे क्या
पर वहशीपन चरम पे था
उसकी चीख ने मेरा उन्मांद और बढ़ा दिया
उन्मांद और वहशीपन ये सब मर्द में स्वाभाविक रूप से होता है और सम्भोग के समय सामने आता है, इसके लिए कहीं से ज्ञान लेने की जरूरत नहीं पड़ती यहाँ मैं ये कहूंगा की मर्द थोड़ा आक्रामक , डोमिनेटिंग सा हो जाता है वो अपनी पार्टनर को मसल देना चाहता है और स्त्री को भी उसके हाथों मसला जाना अच्छा लगता है
सटासट सटासट मेरी ऊँगली चूत के अंदर बाहर हो रही थी
आह आह आह आह की मादक शोर
फिर दूसरी ऊँगली भी चूत के अंदर
ममी ई ई ई मर गई ई ई ई बचा लो मुझे मीना मुझे बचा लो मुझे नहीं करना कुछ
मादक सिसकारियों का शोर तेज़ था सो उसके ऊपर लेट कर मैंने उसके होंठों को चूसने लगा
और गांड उठा कर लन्ड को चूत पे रगड़ने लगा
मंजू सिर्फ घुटी घुटी सी आवाज़ निकल पा रही थी गूँ गूँ गूँ गूँ उ उ उ उ उ उ उ
मीना भरे बदन की उम्र में भी मंजू से ज्यादा थी मेरा लम्बा लन्ड लेने में उसकी भी चीख निकल गई थी तो मुझे पता था की मंजू जरूर चीखेगी तो मैंने नारियल तेल अपने लन्ड में लगाया जिसको मीना वही रख कर गई थी
चूत तो गीली थी फिर भी तेल मैंने लगा दिया दूसरे हाथ को नीचे ले जा कर मैंने लन्ड पकड़ा और उसको चूत पे रगड़ने लगा चूत के द्वार पे लन्ड को टिकाया चूतड़ को पीछे किया मंजू के होंठों से अपने होंठ चिपकाए और एक तेज़ झटका आधा लन्ड चूत के अंदर समां गया
मंजू की एक तेज़ चीख उसके मुँह के अंदर ही घुट के रह गई
मंजू दर्द से बिलबिला गई आंखे सफ़ेद सी हो गई मैंने रुक कर उसके बदन को सहलाता रहा चूची चुसता रहा धीरे धीरे मंजू होश में आने लगी किला फतह हो चूका था पर मंजिल दूर थी
मैंने उसके होटों को आज़ाद कर दिया था
मंजू लगातार रो रही थी आँखों से पानी गिर रहा था
१८ साल का अधखिला यौवन और एक भरपूर लन्ड दर्द तो होना ही था
मंजू सुबकते हुए --- आशु निकाल लो बहुत दर्द कर रहा है
पर मैं बिना कुछ बोले उसकी चूची को चुसता रहा कुछ मिनट के बाद मंजू का रोना और बोलना बंद हो गया पर मैं बिना कुछ बोले उसकी चूची को चुसता रहा कुछ मिनट के बाद मंजू का रोना और बोलना बंद हो गया उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ सिसकारियाँ भरने लगी। उसने अपनी टांगों को मेरी कमर के इर्द-गिर्द लपेट लिया था।मेरा लन्ड उसकी छोटी सी चूतके अंदर फसा हुआ था ऐसा लग रहा था लण्ड मेरा किसी के जबड़े में फसा हुआ है लण्ड पे चूत की पकड़ खुलते और बंद होते महसूस कर सकता था
माने आधे से ज्यादा लन्ड एक बार बाहर खींचा और एक झटके में पूरा अंदर कर दिया
अःह्हह अःह्ह अहह उईईई माँआअ आअ आअ आअ आअ अहह उफ्फ्फ आआ आआअहहह
ओओओओओ उफ्फ्फ आ आ ह ह ह ह
मैंने धीरे धीरे लन्ड को चूत के अंदर बाहर करना शुरू किया तो मंजू की चूत ने ढेर सारा रस छोड़ दिया
मेरा लन्ड आसानी से चूत में फिसलने लगा
मंजू की चीख अब सिसकारी और मादक आवाज़ में बदल गई
आ आ आ शु शु शु शु आ च च च च छा छा छा छा लग रहा है
अंदर गुदगुदी हो रही है
मेरा लन्ड पिस्टन की भांति चूत में अंदर बाहर हो रहा था
हा हाँ अफ आ आह्ह्ह… ओह्ह्ह… उफ्फ्फ्फ्फ़उईई… मम्म्म
मेरा लन्ड अंदर जाता तो मेरी जांघ उसके उठे हुए चूतड़ से टकरा के मस्त शोर करती
पट पट पट पट पट पट पट पट पट चट चट चट चट चट
आह यह यह यह ये ये ये उफ्फ्फ उफ्फ्फ ओ ओ ओ ओ ओ ओ आह आह आह ये ये ओ ओ ओ उफ़ उफ़ उफ़ ओ ओ ओ ओ ओ
आह्ह्ह्हह्ह तेज करो आशु शु शु
आह आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ ये ये ये ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओमेरी गांड पीछे जाती और फिर आगे जा कर चूत में घुसने की कोशिश करती
करीब दस मिनट्स तक वैसे ही चोदता रहा फिर मैं अलग हुआ
चारपाई के किनारे खींच कर खड़ा कर के और पीछे घुमा के उसका सर गद्दे पे दबा दिया
उसकी गांड उभर के बाहर आ गई और जब तक मंजू कुछ समझती तब तक मैंने एक निरोध निकाल के लन्ड पे चढ़ाया और चूत में लन्ड उतार दिया
उई ईई ई ई ई ई ई ई माँ मर र र र र र र गई ई ई ई
मैंने एक हाथ से उसकी कमर और दूसरे हाथ से उसके बाल पकडे और फिर दनादन उसकी चूत पे लन्ड का प्रहार करना शुरू किया
अब आप सोच रहे होंगे ये सब मैंने कैसे किया तो मैं आपको बता दू की मस्तराम की किताब में ही पढ़ कर किया था
चारपाई भी हिलने लगी
चू चू चू चू चू चू चू चू चू पट पट पट पट चट चट चट चट
अह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आह आआह…ईईईई
फच-फच फच-फच फच-फच फच-फच
मेरी झांटे चूत के लिसलिसे से रस में भीग कर सफ़ेद झाग बन चुकी थी कुछ ऐसा ही हल मंजू की चूत का था गांड और चूत के आस पास सब सफ़ेद सफ़ेद सा हो गया था और उसकी जांघो से होता हुआ नीचे गिर रहा था
उसकी जांघें चौडा करके मैं दे दनादन धक्के लगाने लगा
उई ईई ई माँ मर र र गई ई ई ई बचा लो मुझे मीना दी बचा लो
एई एई एई आह आह आह उफ्फ्फ
ओ ओ ओ ओ आह आह आह ये ये
मंजू में तो ताकत बची नहीं थी और मेरे अंदर उबाल सा आने लगा था
मैंने भी अपने शॉट तेज कर दिए और कुछ दस एक धक्कों के बाद मैं तेज आवाज़ के साथ उसपर ढह गया
हालत ये थी के मंजू मेरे नीचे दबी हुई कराह रही थी और मेरे अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी की मैं ऊपर से उठ जाऊ
तभी मुझे किसी ने हिला के अलग कर के चारपाई पे धकेल दिया और मंजू को पलट के मेरे बगल में लिटा दिया मेरी अधखुली आँखों से देखा की मीना थी और फिर मैं नींद की आगोश में चला गया
और करीब दस मिनट्स के बाद मीना ने मेरे चेहरे पे पानी फेक कर जगाया
और इन दस मिनट्स में क्या हुआ
मीना ने मंजू को सहारा दे कर बाथरूम ले गई वह उसको अच्छे से नहला कर उसकी चूत की सफाई की और सेकाई की उसको कपडे पहनने में मदद की उसको दर्द की गोली दी उसको ले जा कर स्टडी रूम में सुला दिया
मैंने भी अपने को साफ किया अपने कपडे पहने और मीना को किस कर के घर आ गया और सो गया
तो ये थी मेरी और मंजू की चुदाई जिसमे मीना ने सहयोग किया
देर शाम उठा तो देखा अंजू माँ के साथ बैठी थी उसके हाथ में किताब थी तो मैं समझ गया की ये कुछ पूछने आई है
माँ खाना बनाने की तयारी कर रही थी पापा अभी आये नहीं थे दोनों भाई भी नहीं दिख रहे थे तो मैं अंजू को ले कर अंदर अपने स्टडी रूम में चला गया अंदर जाते ही अंजू मेरे से लिपट कर मेरे होठ चूसने लगी और अपनी अधखिली चूचिया मेरी छाती से रगड़ने लगी
उसका एक हाथ ने जैसे ही मेरे लन्ड को दबाया तो मेरी आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह निकल गई
अंजू -- क्या हुआ
आशु - कुछ नहीं
अंजू - बताओ न
आशु - कुछ झल्ला के कहा न कुछ नहीं हुआ
अंजू - एक बात पूछू ये मंजू को क्या हुआ है
मैंने चौंककर पुछा क्या हुआ
अंजू - कुछ नहीं मीना दी के घर से आ कर सो गई और मैंने देखा उसकी गर्दन में लाल लाल निशान है
आशु - तो मेरे से क्यों पूछ रही हो मीना दी से पूछो
अंजू - नहीं पूछ सकती न तुम बता दो ना
आशु -- मुझे नहीं पता
पर मेरा दिमाग बहुत तेज चल रहा था सोच रहा था की अगर अंजू को समझ में आ रहा है तो इसकी माँ को को भी समझ में आएगा
दिल में एक डर सा बैठ गया
मुझे कुछ न बोलते देख कर अंजू गुस्से में वहां से चली गई
डर के मरे मैं दो दिन तक किसी बात नहीं की ना ही मैं खेलने गया
दो दिन बाद खुद मीना ने मुझे बुलाया
मीना - क्या हुआ तुमको
आशु - कुछ तो नहीं
मीना - मतलब निकल गया तो मेरे से बात करना बंद कर दिया
आशु - मतलब कैसा मतलब
मीना - मंजू को मिलाने का
मैं चुपचाप खड़ा रहा और फिर अंजू वाली बात उसको बता दी
मीना - मैंने तुमसे कहा था की मंजू छोटी है तुम्हारा सह नहीं पायेगी पर तुम तो जानवर जैसे बन गए थे उसके साथ कितनी बेहरहमी से उसके साथ किया मैंने देखा सब, उसके नीचे से कितना खून निकला पता है तुमको
मैं फिर चुप खड़ा रहा
मीना - चुप क्यों हो
आशु - क्या बोलू पता नहीं क्या हुआ था मुझे अब कैसी है मंजू
मीना अब ठीक है अच्छा हो जो उसकी माँ उस दिन घर पे नहीं थी वरना हम तीनो की खैर नहीं थी
मीना और मंजू दोनों ही मेरे चुद रही थी और किसी को कानो कण खबर नहीं थी, मीणा समझदार थी, तो वो काफी सावधानी ब्रैट लेती थी पर मंजू में बचपना बहुत था सो वो कई बार जाने अनजाने में हरकत कर जाती थी और वो भी सब के सामने इसका संधान भी मीणा ने ही किया वो उसको समझने लगी और धीरे धीरे मंजू में भी परिपक्वता आ गई महीने में दोनो की तीन तीन बार तो चूत चोद ही लेता था और अंजू से भी ओरल का मज़ा ले लेता था होली में हम सब ने काफी मस्ती की तीनो की चूत चूची अच्छे से रगड़ी और लाल रंग से रंग दी