Tuesday 17 September 2019

भोली कविता की ऑफिस में चुदाई



हेलो दोस्तों मैं राहुल श्रीवास्तव मुंबई से एक बार फिर आपके समक्ष हूँ मेरी कई कहानियां आपने पढ़ी जो सिर्फ मेरी होती थी पर इस बार मैंअपने एक प्रसंशक नागपुर से राकेश जी के द्वारा भेजी गई कहानी को थोड़ा सा एडिट (ग्रामर) कर के आपके सामने आप लोगों के लिए प्रस्तुत कर रहा हूँ ये कहानी मूलतः राकेश पेसिफिक नाम के शख्स की है
आगे की कहानी राकेश जी के शब्दों में आगे की कहानी राकेश जी के शब्दों में
मैं राकेश ये मेरी पहली कहानी है, मैं नागपुर,महाराष्ट्र से हु। मैं 32 साल का नया शादीशुदा युवक हु। मैं अपने साथ हुई सच्ची घटना को भी एक कहानी के रूप में बताना चाहता हु  इस कार्य में राहुल जी ने मेरी मदद की मैं उनका आभारी हूँ
ये  कहानी मेरी और मेरी ऑफिस की फ्रेंड कविता की है। तब मेरी उम्र कुछ 28 के आसपास थी और मैं कुंवारा था, सो ये मेरा पहल अनुभव था । तब मैं एक कंपनी में सेल्स मेनेजर के तौर पे कार्यरत था। कंपनी का काफी कुछ काम मुझे ही करना पड़ता था। किसी कारणवश कुछ लड़कियो को कंपनी ने जॉब से निकाल दिया था। उसकी जगह मुझे कुछ नई लडकिया रखने के लिए बोला गया मैंने एक अख़बार में इश्तिहार दे दिया और इंटरव्यू का टाइम और जगह भी दे दी, नियत समय और दिन पे कोई 10-15 लडकिया इंटरव्यू के लिए आई थी उन्ही में कविता भी थी अब मैं आपका कविता से आपका परिचय करवा दूँ, कविता की उम्र 22, 5'2" हाइट ,रंग गोरा और उसके रसीले होठ थोड़े बड़े थे चेहरे पे मासूमियत, उन्नत उरोज़ शायद ३२ साइज होगा  बड़ी बड़ी काली आंखे  पर वो कमाल की दिखती थी। मुझे वो पहली नज़र में ही भा गई और भी आई लड़किया भी एक से बढ़ कर एक थी और काबिल भी थी शायद कविता से भी ज्यादा पर पता नहीं क्यों मेरा दिल कविता की तरफदारी कर रहा था 

पुरे दिन इंटरव्यू के बाद सभी लड़कियों को बोल दिया आपको एक या दो दिन में यदि आप सेलेक्ट होती हो तो कॉल करके बताएंगे,ऐसा कह के हमने सबको वापस भेज दिया। इन सब लड़कियो में कविता काफी परफेक्ट तो नहीं लग रही थी जॉब के लिए, फिर भी उसमे क़ाबलियत थी
मैं अगले दिन अपने साथियों के साथ सारी लड़कियों के बारे में विचार विमर्श किया और कोई ५ लड़कियों को हमने सेलेक्ट किया और उनके नाम आगे की कारवाही के लिए अपने हेड ऑफिस भेज दिया 

पर पुरे दिन मेरी आँखों के सामने कविता ही घूमती रही उसका मासूम सी आंखे मखमल सा बदन  बार बार मेरा लण्ड खड़ा कर दे रही थी
एक रात मैंने कविता को गुड़ नाईट मैसेज भेजा तो उसका भी रिप्लाई आया।हम लोग धीरे धीरे घुल मिल गए । धीरे धीरे हम जॉब के बारे में बात करने लगे, मैसेज पे ही। उसने फिर मुझे मेरे जॉब का प्रोफाइल पूछा तो मैंने बताया कि मैं कंपनी में मेनेजर के तौर पे हु और बहुत टेंशन वाला जॉब होता है ये। मैसेज पे बात करते करते गलती से मैंने उस को बोल दिया कि, "सेल्स जॉब में हमेशा ही L (L लगना मतलब लौड़े लगना, जब आपको जॉब पे आपके पीछे बहुत फटाके लगते है) लग जाती है"। उसने मुझे पूछा की L लगना क्या होता है। मैंने उसको ऐसे ही बोल दिया की तुमको पता ही होगा पर तुम ऐसे ही नाटक कर रही हो। उसने बोला ही पहली बार उसने ये शब्द सुना।शायद उसे सेक्स के बारे में ज़्यादा मालूमात नहीं थी।इसलिए वह भी बहुत खुल के मुझे सारी चीजें पूछ रही है।उसको बताते हुए मेरे लंड भी चड्डी में खड़ा हो गया
तब मैंने उसको बताया कि, L लगना मतलब लौड़े लगना होता है। उसपे उसने फिरसे पूछा की ये लौड़े मतलब क्या। अब उसको क्या बताऊँ? मैसेज पे बात करते हुए ही मेरा लंड खडा होने लगा। फिर उसको मैंने बताया कि लंड या लौड़ा मतलब जहा से हम सुसु करते है, और चूत मतलब जहा से तुम सुसु करती हो।उसने मैसेज किया कि उसको चूत पता है पर लंड पहली बार सुना और देखा भी नहीं। फिर उसको ऐसे ही पूछा की अगर तुम जॉब पे लगोगी तो मेरा लंड देखना चाहोगी क्या? तो उसने हामी भर दी। आखिरकार कंपनी से बात करके उसका सिलेक्शन भी मैंने करवा दिया, हम लोग अब रोजाना सेक्स और लंड की बात करते थे पर सामने से कभी बात नहीं की। ऑफिस ज्वाइन करने के बाद मैंने उसको बोला की तुम्हे पूरी साइट दिखा देता हूं, और मै  उसको लेकर साइट पे सैंपल फ्लैट पे लेकर गया। सारी साइट दिखाने के बाद आखरी फ्लैट के बैडरूम में उसको लेकर गया और पूछा की लंड दिखाऊ क्या, वो शरमाते हुए ना बोलते हुए निकल गयी। मुझे लगा अब ये नहीं आयेगी।फिर रात को उसने मैसेज पे बताया कि उसको लंड देखना था पर वो घबरा गयी। अगले दिन फिरसे मैंने उसे साइट दिखाने के बहाने सैंपल फ्लैट के बैडरूम में लेकर गया और झट से मैंने अपना पैंट और निकर नीचे करली।मेरा 5.5"इंच का काला लंड देख के कविता शर्मा गयी। फिर उसका हाथ मैंने अपने लंड पे रख दिया और उसको सहलाने के बोला। वो मेरा लंड धीरे धीरे सहलाने लगी,और शर्मा भी रही थी और मैंने उसके कपडे के ऊपर से उसके बूब्स दबाने सुरु कर दिए। उसके बूब्स काफी बड़े थे इसलिए हाथ में नहीं आ पा रहे थे। धीरे धीरे उसने लंड की चमडी आगे पीछे करनी सुरु करदी, मुझे बहुत आनंद लगा। दोनों को धीरे धीरे सेक्स चढ़ने लगा। हमने काफी देर तक एक दूसरे को देखते और छुटे रहे।इतने में ही हमने कुछ आवाज़े सुनी, हमने अपने कपडे सवेरे और हम वहा से चले गए। इसके तुरंत बाद कंपनी के काम के सिलसिले में कुछ दिनों के लिए दिल्ली चला गया। अब हम दोनों मैसेज पे हमेशा सेक्स चैट करने लगे।मेरा लंड देखने के बाद से तो कविता मुझसे प्यार भी करनी लगी। दिल्ली से आने के बाद जैसे ही मैं ऑफिस पंहुचा तो उस वक़्त मेरे और उसके सिवा कोई नहीं था। मैंने उसको उसकी चूत दिखाने के लिए बोला।अब तक मैंने कभी भी चूत नहीं देखी थी।लेकिन वो चुत दिखाने में शर्मा रही थी। मौका देख कर हम लोग एक दूसरे को किस करने लगे। किस करते हुए मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया।उसकी चूत पूरी गीली हो गयी थी। और मेरा लंड भी काफी टाइट हो गया था। हम दोनों पर सेक्स हावी होने लगा।बेतहाशा हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे।उसकी चुत से उसकी पैंटी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। काफी देर तक चूमा चाटी करने के बाद ऑफिस के काम में लग गए। हम दोनों के लिए नया अनुभव था। उसके बाद हम रोजाना ऑफिस जल्दी आने लगे और एक दूसरे को किस करते रहे। मैंने काफी सारे ब्लू फिल्म डाउनलोड कर लिया और उसको हमेशा ही दिखा के गर्म करते रहता था। अब ये हमारा रोज का ही काम हो गया। मै रोज सुबह ऑफिस आने के बाद ,कविता ने कौन सी पैंटी ब्रा पहनी ये देखता,और दूध को मसल देता। कभी कभी अकेले में मौका मिले तो उसकी चूत में ऊँगली डाल देता। उसे भी मजा आता। वो भी मेरे लंड से हमेशा खेलने लगी।




एक दिन ऑफिस में दोपहर को कोई नहीं था। सो मैंने अपना लंड निकाल के उसके हाथ में दे दिया। और उसको मुह में भी लेने के लिए बोला।  वो बड़े चाव से मेरे लंड को मुह में लेने लगी, ये मेरा पहला अनुभव था तो कुछ देर में ही लंड से पानी निकल गया। मैंने ऑफिस के वाशरूम में लेजा कर उसकी पैंटी नीचे करदी और उसकी चूत में ऊँगली फिराने लगा। वो अब बहुत ही सेक्स के लिए खुल गयी थी।उसकी चुत काफी गीली हो गयी। थोड़ी देर के बाद वो नीचे आई और मेरे लंड को झट से अपने मुह में ले लिया।वो बड़े चाव से मेरे लंड को चूसने लगी। थोड़ी देर तक लंड चुसाई के बाद मैं झड़ने लगा।मेरे लंड अब काबू में नहीं आ रहा था और एक बड़ी पिचकारी मारते हुए उसके मुंह में मैंने वीर्य गिरा दिया।उसने भी पूरा वीर्य काफी अच्छे से पी लिया। उसको वाशरूम में ही डॉगी स्टाइल में उसके चूत में एक झटके के साथ लंड डाल दिया।उसकी चुत काफी टाइट थी इसलिए वो रोने लगी। उसकी तो आवाज़ भी निकल गयी। मैंने थोड़ी देर तक आराम करने के बाद फिर से उसके चुत में एक बड़ा धक्का मारके पूरा लंड उसकी चुत में धकेल दिया। काफी देर तक मैं उसकी चुत मरता रहा।फिर मैंने पूरा वीर्य उसकी चुत में ही छोड़ दिया।यह हमारा पहला सेक्स था करके हमने कंडोम के साथ ही सेक्स करना मुनासिब समझा। पर नया अनुभव होने के कारण उसकी चूत में तकलीफ बढ़ गयी और मेरा लंड भी दर्द करने लगा। हम दोनों को हमारे पहले सेक्स में बहुत मजा आया। अब हम हफ्ते या 15 दिन में कमसे कम एक बार सेक्स करने लगे। वो मुझसे 6 साल छोटी थी पर फिर भी मुझसे प्यार करने लगी। मैंने उसको पहले ही बता दिया था कि मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता और वो भी उस चीज के लिए पहले से ही तैयार थी। क्योंकि उसको भी बदनामी का डर था और इसलिए सिर्फ हमारी सेक्स भावना के लिए हम लोग एक हुए।
उसके बाद कुछ दिनों तक हम छिप छिप के ऑफिस में चुदाई का खेल खेल लेते थे। कुछ महीनो बाद उसको कंपनी ने निकाल दिया तो हमारा रिलेशन भी वही ख़त्म हो गया। वो आज भी मिलती है पर सेक्स के बारे में बात करना नहीं चाहती। आज भी मन करता है कि उसके बड़े बूब्स को प्यार करू।